Tuesday 6 September 2016

प्रवेश खुला है -परंतु कहां आवेदन दिया जाए?

दीवाली समाप्त हो चुकी है और अधिकांश विद्यालयों ने प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। आप एकाएक ही समाचारपत्रों और होर्डिंगों में विभिन्न विद्यालयों के विषय में विज्ञापन देखेंगे जो यह घोषणा करते हैं कि अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश अब खुल चुके हंै। अधिकांश अभिभावक जो अपने बच्चे की शिक्षा प्ले ग्रुप या नर्सरी में आरंभ करवाना चाहते हैं, वे किसी न किसी विद्यालय पर विचार करने में व्यस्त हो जाते हैं। ऐसे भी कुछ अभिभावक हैं जो उनके बच्चे के वर्तमान विद्यालय से असंतुष्ट हैं व दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित होने में रूचि रखते हैं, और आवेदन करने के लिए यही सबसे उपयुक्त समय है।

पहले बच्चे के अभिभावकों के लिए सबसे बड़ी दुविधाओं में से एक पूर्व विद्यालय व पूर्ण प्राथमिक विद्यालय का चयन करना है।

लगभग 7 वर्षों से छोटे पूर्व विद्यालय शहर के विभिन्न नुक्कड़ों व कोनांे में खुल चुके हैं। ऐसे विद्यालय सामान्यतः प्ले ग्रुप, नर्सरी व जूनियर के.जी. प्रदान करते हैं। कभी-कभी वे सीनियर के.जी. भी प्रदान करते हैं। वे पूर्व विद्यालयों की एक श्रंृखला से संबद्ध होते हैं या फिर एकल भी हो सकते हैं। वे स्थान की एक बड़ी सुविधा प्रदान करते हैं क्योंकि वे आमतौर पर अधिकांश आवासीय क्षेत्रों के 2-3 किलोमीटर के भीतर होते हैं। दुर्भाग्य से उनकी कुछ ख़ामियाँ भी हैं। पहली ख़ामी यह है कि ये शिक्षा का अनियंत्रित क्षेत्र है। इसमें कोई भी पाठ्यक्रम सरकार द्वारा निर्धारित नहीं है व बच्चों के प्रदर्शन के मूल्यांकन की कोई मानकीकृत पद्धति नहीं है। इसलिए विद्यालय ने बच्चों को वाकई पढ़ाया है या केवल उन्हें खेलने में व्यस्त रखा है, एक बड़ा प्रश्न है। यहाँ तक कि कुछ विद्यालय वर्ष में 180 दिवस कार्य भी नहीं करते और कई छुट्टियाँ दे देते हैं। कार्य दिवसों के लिए भी उनके संचालन के घंटांे की संख्या भिन्न होती है - कुछ के 3 घंटे होते हैं वहीं कुछ प्रतिदिन चार घंटे काम करते हैं। भारत में किसी भी अन्य शिक्षा विभाग को चाहे वह प्राथमिक, माध्यमिक, महाविद्यालय या व्यावसायिक पाठ्यक्रम हो, उसे पूर्व विद्यालय विभाग की तरह अनियंत्रित नहीं छोड़ दिया गया है।

दूसरी व सबसे बड़ी ख़ामी है कि बच्चे के पहली कक्षा में प्रवेश का क्या? अभिभावकों को जूनियर के.जी. के बाद एक प्राथमिक विद्यालय का चयन करना होता है। दुर्भाग्य से दुखद बात यह है कि अधिकंाश प्राथमिक विद्यालयों ने स्वयं का पूर्व विद्यालय प्रारंभ कर लिया है इसलिए उनके पास अन्य पूर्व विद्यालयों के बच्चों के लिए पहली कक्षा में रिक्त पद नहीं अथवा सीमित हंै। इस कारण से अधिकांश अभिभावकों को निचली श्रेणी के विद्यालय के लिए समझौता करना पड़ता है।

मैंने कुछ विद्यालयों से पूछा जिन्हांेने प्ले ग्रुप, नर्सरी व अन्य कक्षाओं के लिए प्रवेश खोला है। तो मैंने पूछा कि अभिभावक को प्ले ग्रुप या नर्सरी में आवेदन करने की क्या आवश्यकता है जबकि बड़ी कक्षाओं के लिए प्रवेश खुला है। मुझे ‘‘अस्वीकृति की संभावना’’ नामक एक दिलचस्प अवधारणा के विषय में पता चला। अहमदाबाद के शीर्ष 10 विद्यालयों में सबसे कम अस्वीकृति के स्तर प्ले ग्रुप/नर्सरी में है, एक सामान्य से कारण की वजह से कि उनके पास आवेदनों की तुलना में अधिक सीटे हैं। तो उदाहरण के लिए एक प्लेग्रुप में प्रवेश के लिए अस्वीकृति की संभावना 5 प्रतिशत होगी जबकि पहली कक्षा में प्रवेश के लिए अस्वीकृति की संभावना 95 प्रतिशत होगी।

मैं पाठकों को सुझाव दूँगा कि वे एक सुविज्ञ निर्णय लें व उनके बच्चों का प्रवेश प्राथमिक विद्यालयों में कम उम्र से ही करवा दें ताकि भविष्य में उनका प्रवेश सुरक्षित रहे।

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