Tuesday 6 September 2016

क्या विद्यालयों मंे पुस्तकों का स्थान टेबलेट् ले लेंगे?


टेबलेट पी.सी. एक उपकरण है जो लैपटाॅप मोबाईल फोन के मध्य में कहीं आता है। इसका वज़न लगभग 1 किलो होता है यह लोकप्रिय साॅफ्टवेयर चलाता है। आई-पैड विश्व के सबसे सफल टेबलेट पी.सी. मंे से एक है बाज़ार में आई-पैड के साथ प्रतिस्पर्धा करते कई कंपनियों के उत्पाद हैं, फिर भी बाजार शेयर का 75 प्रतिशत आई-पैड का है। तकनीक के कई प्रशंसकों ने सोचा कि 25,000 रू. प्रति मूल्य का आई-पैड विद्यालय की पाठ्यपुस्तकों, नोटबुक कार्यपुस्तकों का स्थान ले सकता है। यह बस्ते का वज़न कम करेगा कार्य तेज़ी होशियारी से करने में बच्चों की सहायता करेगा। यदि हम यह ध्यान में रखें कि आई-पैड को हर वर्ष बदला जाना होगा तो इसकी कीमत बहुत ही अधिक होगी। परंतु यदि यह तीन वर्ष से अधिक तक सुचारू रूप से बना रहे तो इसकी कीमत भारतीय मध्यमवर्ग के लिए भी वहन करने योग्य हो जाएगी।

इसी दृष्टिकोण के साथ एल...एस.डी. - लाॅस एंजेल्स युनीफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने 1.3 बिलीयन डाॅलर अर्थात 8600 करोड रूपए के मूल्य के आई-पैड़ खरीदे। इस प्रोग्राम को सबसे बढ़िया हार्डवेयर प्राप्त हुआ, सीधे आई-पैड निर्माताएप्पलद्वारा। अप्रेल 2010 मंे इसके लोकार्पण किए जाने के समय से ही इसे काफ़ी लोकप्रियता प्राप्त हो रही है। इसने वास्तव में टेबलेट पी.सी. व्यवसाय को जन्म दिया है। अब तक 2.6 करोड़ इकाईयों की बिक्री होने पर अब यह इतिहास में बहुत सफल उपकरण माना जाता है। उन्हांेने आई-पैड में पीयर्सन का सबसे अच्छा साॅफ्टवेयर डाला था। इससे शिक्षकों को प्रभावी रूप से पढ़ाने में विद्यार्थियों को आई-पैड पर गृहकार्य करने में सहायता मिलती। परंतु यह कार्यक्रम बुरी तरह असफल हो गया। अभी एफ.बी.आई. जाँच कर रही है कि क्या क्रय के निर्णय में कुछ अव्यवस्था थी। इस जांच का मुख्य प्रश्न यह है कि क्या इस आवश्यकता को विक्रेता द्वारा संचालित किया गया था या कर्मचारियों को वास्तव में इस तकनीक की आवश्यकता थी?

तो क्या कभी भी टेबलेट पी.सी. विद्यालय की पाठ्यपुस्तकों का स्थान ले पाएँगे?

हम टेबलेट पी.सी. की आवश्यकता के विषय में बात करते हैं। विद्यालय के बस्ते भारी होते हैं टेबलेट उसे कम कर सकता है। मनुष्य उसके शरीर के 20 प्रतिशत के बराबर भार वहन कर सकता है। विद्यालय के बस्तों का वज़न कई बार शरीर के भार के 33 प्रतिशत जितना होता है और उसके दो मुख्य कारण हैं। सामान्य से कम वज़न वाले बच्चे बस्ते मंे अनावश्यक वस्तुएँ। अब यदि हम कुपोषित बच्चों की समस्या का समाधान नहीं करेंगे तो टेबलेट पी.सी. इसका समाधान नहीं बनने वाला। साथ ही यदि विद्यार्थी इसके बाद भी, विद्यालय में अनावश्यक वस्तुएँ लाते हैं तो इसका समाधान किया जाना आवश्यक है।

हर बच्चे के लिए टेबलेट पी.सी. होने से उसे पढ़ाई के लिए संपन्न साधन की सहायता प्राप्त होगी। वास्तविक तस्वीरें, एनीमेशन, आॅडियो, विडियो की सहायता से अवधारणाओं को शीघ्र समझने में सहायता मिलेगी। हालांकि अच्छी वस्तुओं के साथ बड़ी समस्या भी आती है, विकर्षण। दुर्भाग्य से टेबलेट पी.सी. में इतनी सारी सामग्री रखी हुई होने से, जिस तक बच्चा आसानी से पहुँच सकता है, उसकी एकाग्रता भंग होती है, जिससे पढ़ाई पर प्रभाव पड़ता है।

उपरोक्त को देखने पर टेबलेट्स का निकट भविष्य मंे कक्षा तक पहुँचना कठिन लगता है।

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